पंचतत्व में विलीन हुआ बांदा का लाल, सीआरपीएफ और आरएएफ के जवानों ने दी सशस्त्र सलामी
पंचतत्व में विलीन हुआ बांदा का लाल
‘जब तक सूरज चांद रहेगा, विकास भइया का नाम रहेगा। देश के दुश्मनों का विनाश हो’। छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद बांदा जिले के लामा गांव के लाल का अंतिम संस्कार इन्हीं गगन भेदी नारों के बीच पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
गांव के 30 वर्षीय लाडले विकास कुमार के अंतिम दीदार के लिए समूचा गांव उमड़ पड़ा। लखनऊ और प्रयागराज की सीआरपीएफ टुकड़ियों ने सम्मान में गोली दाग कर और शस्त्र उल्टे कर सलामी दी। प्रशासन और पुलिस के सभी स्थानीय अधिकारियों ने भी पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ाए। चंदन की चिता में शहीद का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया।
पार्थिव शरीर से लिपटकर पत्नी नंदनी की निकली चीख -
शहीद विकास का पार्थिव शरीर सीआरपीएफ की टुकड़ी अपने वाहन से लेकर मंगलवार की रात करीब 9 बजे गांव आ गई थी। बुधवार को सुबह गांव में ही खेत के पास अंतिम संस्कार हुआ। मां, पत्नी और भाइयों समेत पूरे कुनबे ने शव पर पुष्प अर्पित कर अंतिम विदाई दी।